रिपोर्ट: हामिद इब्राहिम
प्रतापगढ़, संवाददाता। मुंबई रेलवे में इंजीनियर पद से रिटायर हुए बेल्हा क्षेत्र के रमेश चंद्र मौर्य ने जीवन रहते जो संकल्प लिया था, उसे उनके परिजनों ने उनकी मृत्यु के बाद साकार कर दिया। करीब 14 साल पहले किया गया देहदान का वचन सोमवार को पूरा हुआ, जब परिजनों ने उनका पार्थिव शरीर डॉ. सोनेलाल पटेल मेडिकल कॉलेज प्रतापगढ़ को सौंप दिया।

75 वर्षीय रमेश चंद्र मौर्य, निवासी ग्राम डेढुआ (पट्टी), का जन्म 30 जून 1951 को हुआ था। उन्होंने लंबे समय तक मुंबई रेलवे में इंजीनियर के पद पर कार्य किया और वर्ष 2010 में सेवानिवृत्त हुए। रिटायरमेंट के कुछ समय बाद ही उन्होंने मौर्य सभा प्रतापगढ़ के माध्यम से मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, प्रयागराज को अपनी मृत्यु के बाद देहदान का संकल्प पत्र सौंपा था।
रविवार को उनके निधन के बाद परिवार ने सामाजिक प्रेरणा के रूप में यह निर्णय लिया कि उनका देहदान प्रतापगढ़ मेडिकल कॉलेज में ही किया जाए। सोमवार को मेडिकल कॉलेज परिसर में भावुक माहौल के बीच देहदान की प्रक्रिया संपन्न हुई। कॉलेज प्रशासन ने प्रमाणपत्र प्रदान करते हुए कहा कि यह प्रतापगढ़ जनपद का पहला देहदान है।
इस मौके पर कई जनप्रतिनिधि और गणमान्य लोग मौजूद रहे। पूर्व मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह, सांसद प्रमोद तिवारी, सांसद अमरपाल मौर्य, सांसद इमरान प्रतापगढ़ी, सांसद शिवपाल सिंह पटेल, विधायक राजेन्द्र मौर्य, विधायक आराधना मिश्रा मोना और डॉ. आरके वर्मा ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। सभी ने कहा कि रमेश चंद्र मौर्य ने समाज के लिए अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है—वे मृत्यु के बाद भी जीवन दे गए।


